NIOS Class 10th Economics (214): NIOS TMA Solution

NIOS Solved TMA 2024

टिप्पणी :
(i) सभी प्रश्नो के उत्तर देने अनिवार्य है। प्रत्येक प्रश्न के अंक उसके सामने दिए गए हैं।
(ii) उत्तर पुस्तिका के प्रथम पृष्ठ पर ऊपर की ओर अपना नाम, अनुकमांक, अध्यन केन्द्र का नाम और विषय स्पष्ट शब्दो में लिखिए।

निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 40 से 60 शब्दों में दीजिए

(a) "सूक्ष्म और वृहत अर्थशास्त्र की अवधारणा एक दूसरे पर निर्भर करती है।" उपयुक्त उदाहरण के साथ कथन की व्याख्या कीजिए।

उत्तरसूक्ष्म और वृहत अर्थशास्त्र दो विभिन्न स्तरों पर आर्थिक विज्ञान के क्षेत्रों को अध्ययन करते हैं। सूक्ष्म अर्थशास्त्र व्यक्तिगत या व्यक्तिस्पश्ट घटनाओं और तंत्रों के आधार पर ध्यान केंद्रित होता है, जबकि वृहत अर्थशास्त्र समग्र अर्थव्यवस्था या एक पूरे राष्ट्र की आर्थिक व्यवस्था को अध्ययन करता है।

एक उदाहरण के रूप में, सूक्ष्म अर्थशास्त्र व्यक्तिगत आयकर निर्धारण और छोटे व्यवसायों के लिए कर निर्धारण जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित करेगा। विरोधाभासी कर योजनाएँ और व्यक्तिगत निवेश की विशेषता इस विधा का हिस्सा हो सकती है।

वृहत अर्थशास्त्र, दूसरी ओर, राष्ट्रीय आर्थिक नीतियों, वित्तीय बाजारों, अर्थव्यवस्था के सभी पहलुओं और उपयुक्ति क्षेत्रों को परियोजन करेगा। यह रेट्स ऑफ इंफ्लेशन, ब्रूट डोमेस्टिक प्रोडक्ट (जीडीपी) और राष्ट्रीय आर्थिक विकास (जीडीपी) जैसे विषयों का अध्ययन करता है।

 (b) अर्थव्यवस्था का विकास मानव की आवश्यकताओं का निर्माण करने और मानव की इच्छाओं की संतुष्टि करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। व्याख्या कीजिए

उत्तरअर्थव्यवस्था का विकास मानव समाज के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह समृद्धि, रोजगार, और जीवनस्तर में सुधार प्रदान करता है। इसका मुख्य उद्देश्य मानव की आवश्यकताओं को पूरा करना है, जैसे खानपान, आवास, स्वास्थ्य सुविधाएँ, और शिक्षा. यह मानव समुदाय को बेहतर जीवन का अवसर प्रदान करता है और उनकी जीवनस्तर को बढ़ावा देता है.

अर्थव्यवस्था का विकास भी नैतिक और सामाजिक मूल्यों का समर्थन कर सकता है, क्योंकि यह आर्थिक समाज को सशक्त बनाता है और समरसता को प्रोत्साहित करता है. इसके बिना, गरीबी और असमानता बढ़ सकती है.

अर्थव्यवस्था का विकास व्यापार, नौकरी, और नए उत्पादों के निर्माण में निवेश को बढ़ावा देता है, जिससे नये रोजगार के अवसर पैदा होते हैं. इससे समाज की सामाजिक और आर्थिक सुधार होता है, और व्यक्तिगत और सामाजिक अवसरों के लिए द्वार खुलते हैं.

2. निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 40 से 60 शब्दों में दीजिए

(a) "निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों के सह-अस्तित्व को किसी भी देश के आर्थिक विकास और समृद्धि की पूर्व शर्त माना जाता है।" इस कथन की व्याख्या कीजिए।

उत्तरनिजी और सार्वजनिक क्षेत्रों के सह-अस्तित्व का मतलब है कि एक देश की अर्थव्यवस्था में निजी उद्योगों और सार्वजनिक उद्योगों का संयमित साथ होना चाहिए. निजी क्षेत्र नवाचार, निवेश और संवेदनशीलता के साथ काम करता है, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र सामाजिक और आर्थिक सेवाओं को प्रदान करने में विशेषज्ञ होता है. इसके फलस्वरूप, दोनों क्षेत्रों के सह-अस्तित्व के साथ आर्थिक विकास होता है, क्योंकि निजी क्षेत्र नौकरियों के स्रोत बनते हैं और सार्वजनिक क्षेत्र समृद्धि के लिए आवश्यक सेवाएं प्रदान करता है। इस प्रकार, इन दोनों क्षेत्रों के सह-अस्तित्व से देश की आर्थिक वृद्धि और समृद्धि की पूर्व शर्त बनती है.Top of Form

 

 (b) उत्पादन की श्रम- गहन तकनीकों और पूंजी गहन तकनीकों के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए। इनमें से कौन मी तकनीक एक हमारी अर्थव्यवस्था के लिए उपयुक्त है और क्यों?

उत्तरश्रम-गहन तकनीकें उत्पादन में मुख्य रूप से श्रमिक श्रम का उपयोग करती हैं, जबकि पूंजी-गहन तकनीकें पूंजी और सुधार तकनीकों का उपयोग करती हैं.

श्रम-गहन तकनीकों में मानव मेहनत मुख्य रूप से होती है, इसका मतलब अधिक श्रमिकों की आवश्यकता होती है और कामकाज कम होता है, जिससे यह सस्ता होता है. पूंजी-गहन तकनीकें उपकरणों, तंतु-मशीनों और अधिक पूंजी की जरूरत होती है, इसलिए इसमें निवेश का ज्यादा ब्याज होता है.

हमारी अर्थव्यवस्था के लिए, श्रम-गहन तकनीकें अकेले श्रमिकों के रोजगार के अवसर पैदा करती हैं, जो गरीब और अवसरवादी उत्पादन के स्रोत बन सकते हैं. यह अर्थव्यवस्था को सामाजिक और आर्थिक समृद्धि के लिए उपयुक्त बनाती है।

3 निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 40 से 60 शब्दों में दीजिए।

 (a) मांग और आपूर्ति बलों की मदद से बाजार में एक वस्तु के असंतुलित कीमत को कैसे समायोजित किया जाता है? लेखाचित्रीय /ग्राफीय प्रस्तुतीकरण की मदद से समझाइए

उत्तरमांग और आपूर्ति बल के माध्यम से एक वस्तु की असंतुलित मूल्य को बाजार में संतुलित किया जाता है. यह दिखाने के लिए कि कैसे मूल्य में परिवर्तन होता है, हम निम्नलिखित छवि का उपयोग करेंगे:

[कृपया इस जवाब को देखने के लिए एक ग्राफिक प्रतिरूपक का सहायता लें]

इस ग्राफिक प्रतिरूपक में, लक्ष्य गरीबी की स्ंभावना है। पहले, मूल्य 1 पर निर्धारित होता है, जिसके कारण आपूर्ति पुनर्मूल्यांकन करती है. इसका परिणामस्वरूप, वस्तु का मूल्य 2 पर बढ़ता है. अब, मूल्य 2 पर उच्च आपूर्ति दिखाई देती है, जिससे मूल्य 3 पर बढ़ता है. इस प्रक्रिया के माध्यम से मूल्यों को संतुलित किया जाता है, जब तक आपूर्ति और मांग के बीच संतुलन नहीं होता।

(b) किसी वस्तु की कीमत का निर्धारण करते समय एक पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाजार और एकाधिकार बाजार में उत्पादकों की भूमिका उलट जाती है। कारण स्पष्ट कीजिए

उत्तर एक पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाजार और एकाधिकार बाजार में उत्पादकों की भूमिका विभिन्न होती है।

·         पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाजार में, अनेक उत्पादक होते हैं जो एक ही वस्तु या सेवा उत्पन्न करते हैं। इसके कारण, मूल्य निर्धारण बाजार के द्वारा होता है और उत्पादकों को वस्तु या सेवा उत्पन्न करने के लिए उत्साहित करता है। यह खरीददारों को विभिन्न विकल्पों के रूप में उत्पाद उपलब्ध करता है और मूल्य में प्रतिस्पर्धा बढ़ती है।

·          

·         एकाधिकार बाजार में, एक उत्पादक या एक समूह उत्पादक विशेष वस्तु या सेवा उत्पन्न करता है और उसके पास विशेषाधिकार होता है। यह आमतौर पर मूल्य निर्धारण उत्पादक या उत्पादक समूह द्वारा होता है। इसका परिणामस्वरूप, उत्पादक या समूह वस्तु या सेवा की कीमत को निर्धारित कर सकते हैं और उन्हें उचित लाभ दिलाने के लिए अधिक वस्तु या सेवा प्रदान कर सकते हैं।

इसके फलस्वरूप, प्रतिस्पर्धी बाजार और एकाधिकार बाजार में मूल्य निर्धारण और उत्पादकों की भूमिका में भिन्नताएं होती हैं।

4. निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 100 से 150 शब्दों में

(a) "ब्लैक मार्केटिंग / कालाबाज़ार की सीमा को जनता के कल्याण के लिए अधिकतम मूल्य या नियंत्रण मूल्य के साधन द्वारा नियंत्रित किया जाता है।" उपयुक्त उदाहरण के साथ इस कथन की व्याख्या कीजिए।

उत्तर–"ब्लैक मार्केटिंग" या "कालाबाज़ार" एक अवैध बाजार है जिसमें वस्त्र या सेवाएं अवैध रूप से बेची जाती हैं। इसमें वस्त्र या सेवाओं की मांग अधिक होती है और इसका प्रबंधन कानूनों और विधियों के उल्लंघन के रूप में किया जाता है।

सरकार सीमा या नियंत्रण मूल्य निर्धारित करके इस प्रकार की कार्यवाहियों को नियंत्रित करती है। यह नियंत्रण मूल्य जनता के हित के लिए निर्धारित किया जाता है ताकि वे उचित मूल्य पर सामान खरीद सकें। इससे ब्लैक मार्केटिंग को नियंत्रित किया जाता है और जनता को विवादित वस्तुओं से बचाया जाता है।

उदाहरण के रूप में, यदि सरकार अनाज की उचित मूल्य को 100 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित करती है, तो बाजार में अनाज को उसी मूल्य पर ही बेचना अनिवार्य होगा। यदि कोई इसे इस से अधिशेष राशि पर बेचने का प्रयास करता है, तो वह कानून के उल्लंघन का शिकार हो सकता है।

इस प्रकार, सरकार नियंत्रित कीमतें स्थापित करके ब्लैक मार्केटिंग को नियंत्रित करती है और जनता के हित के लिए उचित मूल्यों पर उपयोगी सामान प्रदान करती है।

(b) आपको अपने इलाके में बीमा कंपनी शाखा कार्यालय का दौरा करने का सुझाव दिया जाता है। शाखा के बीमा कार्यकारी अधिकारी से मिलें और बीमा पॉलिसी लेने की प्रक्रिया के बारे में चर्चा कीजिए और चर्चा के आधार पर एक संक्षिप्त रिपोर्ट तैयार कीजिए।

उत्तरमैंने अपने इलाके के बीमा कंपनी की शाखा कार्यालय का दौरा किया और वहां के बीमा कार्यकारी अधिकारी से मिलकर बीमा पॉलिसी लेने की प्रक्रिया के बारे में चर्चा की। यहां पर उस चर्चा की संक्षिप्त रिपोर्ट है:

1.    पॉलिसी का चयन: बीमा कार्यकारी ने मुझे मेरी जरूरतों और वाचा जानकारी के आधार पर उपयुक्त बीमा पॉलिसी का चयन करने में मदद की।

2.    दस्तावेज़ प्रस्तुत करना: मुझे अपनी पहचान की प्रमाण पत्र, पता सबूत, और आय प्रमाण पत्र की प्रमाणित प्रतियां प्रस्तुत करने के लिए कहा गया।

3.    बीमा प्रीमियम: बीमा कार्यकारी ने मुझे बीमा प्रीमियम की जानकारी और भुगतान की प्रक्रिया के बारे में समझाया।

4.    दावा प्रक्रिया: यदि किसी दिन दावा करने की आवश्यकता होती है, तो बीमा कार्यकारी ने उस प्रक्रिया की जानकारी भी प्रदान की।

बीमा कार्यकारी ने मेरे सभी प्रश्नों का उत्तर दिया और मुझे अपनी आवश्यकताओं के आधार पर सही बीमा पॉलिसी चुनने में मदद की।

5.निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 100 से 150 शब्दों में दीजिए।

(a) पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाजार और एकाधिकार बाजार की विशेषताओं की तुलना कीजिए।

उत्तरपूर्ण प्रतिस्पर्धी बाजार और एकाधिकार बाजार दो विभिन्न प्रकार के बाजार हैं जिनमें वस्तुएं और सेवाएं व्यापार की जाती हैं। यहां दोनों के बीच कुछ मुख्य विशेषताएँ हैं:

पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाजार:

·         विभिन्न व्यापारी वस्तुओं और सेवाओं के लिए कई विकल्प होते हैं।

·         एक व्यक्ति या कंपनी की कोई विशेष सत्ता नहीं होती, सभी व्यापारी बराबरी से प्रतिस्पर्धा करते हैं।

·         वस्तुओं और सेवाओं की मांग और प्रस्ताव दोनों के द्वारा निर्धारित होती हैं।

·         उत्पादकों की अधिक व्यापारी से संपर्क करने की स्वतंत्रता होती है।

एकाधिकार बाजार:

·         यह बाजार में विशेष व्यक्ति या कंपनी को एक ही विशेष उत्पाद या सेवा की निर्माण और विपणन की अधिकता होती है।

·         उत्पाद या सेवा की मौजूदगी के कारण व्यापारी को नियंत्रित करने की पूरी स्वतंत्रता होती है।

·         बाजार में कोई और विकल्प नहीं होते हैं, उत्पादक अपने अनुसार मूल्य निर्धारित करता है।

अंतर्विश्वासी बाजार और एकाधिकार बाजार के बीच अंतर यह है कि पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाजार में विभिन्न विकल्प और बढ़ती मुकाबला होता है, जबकि एकाधिकार बाजार में एक ही विकल्प और उत्पादक का पूरा नियंत्रण होता है।

 (b) "स्वतंत्रता के बाद के युग के दौरान पंचवर्षीय योजना ने औद्योगीकरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति दिखाई है।" दिए गए कथन को विस्तृत कीजिए।

उत्तर स्वतंत्रता के बाद के युग में भारत ने अपने आर्थिक औद्योगिकरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति दिखाई। इसके पीछे कई मुख्य कारण थे:

1.    योजनाबद्ध निवेश: पंचवर्षीय योजना ने विभिन्न क्षेत्रों में योजनाबद्ध निवेश की प्रोत्साहना की, जिससे उद्योगों के विकास में मदद मिली।

2.    प्रौद्योगिकी और औद्योगिक अद्यतन: योजना ने प्रौद्योगिकी और औद्योगिक अद्यतन को महत्वपूर्ण बनाया और विभिन्न क्षेत्रों में नवाचारों का प्रोत्साहन किया, जिससे उत्पादन और उत्पादकता में सुधार हुआ।

3.    निजी वित्तीय संस्थाएँ: योजना ने निजी वित्तीय संस्थाओं को आर्थिक विकास के क्षेत्र में भूमिका देने की दिशा में कदम बढ़ाया।

4.    विदेशी निवेश: स्वतंत्रता के बाद, भारत ने विदेशी निवेश को बढ़ावा दिया और विदेशी पूंजी के प्रवाह को अधिक सुगम बनाया, जिससे औद्योगिकरण के क्षेत्र में सुधार हुआ।

5.    राज्यीयकरण: योजना ने राज्यीयकरण की प्रक्रिया को बढ़ावा दिया और सरकार को औद्योगिकरण के प्रति सकारात्मक भूमिका निभाने में मदद की।

इस तरह, पंचवर्षीय योजना ने औद्योगिकरण के क्षेत्र में विकास और समृद्धि की पूर्वशर्त बनायी और भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मदद की।

6. नीचे दिए गए में से कोई एक परियोजना तैयार कीजिए।

 (a) निम्नलिखित शीर्षकों की संरचना के अंतर्गत सरकार द्वारा शुरू किए गए गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम पर एक परियोजना कार्य तैयार कीजिए।

A. -परिचय |

उत्तर परिचय आपके लेख की पहली धारा है, जिसका उद्देश्य पाठकों का ध्यान खींचना है। यह आपके लेख के मुख्य विषयों को संक्षेप में प्रस्तुत करता है और पाठकों को आपके लेख में रुचि लेने के लिए प्रोत्साहित करता है. आपके पाठकों के लिए एक दरवाजा खोलने वाला होता है जो आपके लेख की आरंभिक बातचीत को सूचित करता है।

B. - गरीबी का अर्थ और वर्तमान स्थिति

उत्तरपरियोजना कार्य: इस परियोजना कार्य के अंतर्गत, हम गरीबी के अर्थ की परिभाषा और वर्तमान स्थिति का अध्ययन करेंगे। हम गरीबी के कारणों, प्रकारों, और वर्तमान समस्याओं की व्यापक जानकारी प्रस्तुत करेंगे। इसके साथ हम सरकार द्वारा शुरू किए गए गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम के बारे में भी बात करेंगे, उनके लक्ष्यों और कार्रवाईयों का विश्लेषण करेंगे।

C. - 2000-2022 के बीच की अवधि में गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम का संक्षिप्त विवरण |

उत्तर– "2000-2022 के बीच की अवधि में गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम" एक सरकार द्वारा आरंभित पहल की एक परियोजना है जिसका मुख्य उद्देश्य गरीबी को कम करना है. इसके तहत विभिन्न सामाजिक कल्याण कार्यक्रम शामिल हैं जो गरीब लोगों को आर्थिक सहायता, शिक्षा, और रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं. यह प्रयास गरीबी की बढ़ती समस्या को हल करने की दिशा में कदम रखता है और सामाजिक समृद्धि के माध्यमों के माध्यम से गरीब वर्ग को सशक्त बनाने का उद्देश्य रखता है।

D. - जाँच- परिणाम।

उत्तरगरीबी उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत शुरू किए गए परियोजना कार्य का आधार जाँच और परिणाम की विशेषज्ञता होती है। इसमें प्राप्त डेटा की जाँच, गुणवत्ता निरीक्षण और परिणामों का निरीक्षण शामिल होता है। इसका उद्देश्य पाये जाने वाले डेटा की वैधता और प्रभाव की मूल्यांकन करना है ताकि कार्यक्रम के उन्नतन में सुधार किया जा सके।

E. निष्कर्ष और सुझाव -

उत्तरनिष्कर्ष: गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सरकार द्वारा शुरू किए गए विभिन्न प्रकार के योजनाओं के माध्यम से गरीब और वंचित वर्ग की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करने का प्रयास किया जा रहा है।

सुझाव: इस परियोजना कार्य में, हमें गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम की विभिन्न योजनाओं के लाभ, आंकड़े, और प्रदान की गई सुविधाओं का विस्तार से जांचना चाहिए, और इसके परिणामस्वरूप हमें गरीबी के विरुद्ध सामाजिक और आर्थिक सुधारों के लिए सुझाव तैयार करने चाहिए।

(b) निम्नलिखित शीर्षकों के अंतर्गत अपने नजदीकी इलाके में स्थित डाकघर में बचत बैंक खाता खोलने पर एक परियोजना तैयार कीजिए-

A. - डाकघर का चित्र चिपकाएँ

उत्तरइस परियोजना में, हम अपने नजदीकी डाकघर में बचत बैंक खाता खोलने की प्रक्रिया का चित्र चिपकाने का विधान दिखाएँगे। हम डाकघर के बाहरी और आंतरिक दृश्य, खाता खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज़, और आवश्यक चिपकाने के सामग्री के साथ चित्र चिपकाने की प्रक्रिया को स्पष्ट और सरल ढंग से प्रस्तुत करेंगे।

B. - कर्मचारी द्वारा दिए गए दिशानिर्देश।

उत्तर– 1. प्रारंभिक सूचना: ग्राहक को योजना के सभी नियमों और कागज़ात की सूचना देनी चाहिए।

2. आवश्यक दस्तावेज़: खाता खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ की जाँच करें और ग्राहक को यदि कुछ अधिक दस्तावेज़ चाहिए, तो उन्हें प्राप्त करने के लिए मदद करें।

3. प्रक्रिया का वर्णन: खाता खोलने की पूरी प्रक्रिया का विवरण दें, जैसे कि आवश्यक फॉर्म भरना और सूचना प्रदान करना।

4. अधिकृत जानकारी: ग्राहक को सावधानी और विशेष बातें जैसे बैंक खाते की शर्तें और शुल्क की जानकारी प्रदान करना।

5. सहायता का आदान-प्रदान: ग्राहक के प्रश्नों का उत्तर देने और खाता खोलने की प्रक्रिया के दौरान मदद करने के लिए उपलब्ध रहना।

C. -बचत खाता खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज |

उत्तर निम्नलिखित शीर्षकों के अंतर्गत अपने नजदीकी इलाके में स्थित डाकघर में बचत बैंक खाता खोलने पर एक परियोजना तैयार कीजिए:

बचत खाता खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज:

·         आधार कार्ड

·         पासपोर्ट आकार की फोटो

·         पते का प्रमाण

·         आय प्रमाण

यह परियोजना उन लोगों को उत्साहित करेगी जो बचत खाता खोलने की प्रक्रिया को सरलता से पूरा करना चाहते हैं। यह उन्हें आवश्यक दस्तावेजों के बारे में समय पर जानकारी प्रदान करेगी।

D. - दस्तावेजों की प्रति।

उत्तर दस्तावेजों की प्राप्ति: डाकघर में बचत बैंक खाता खोलने की प्रक्रिया में आवश्यक दस्तावेजों की सूची के तहत आवश्यक दस्तावेजों की प्राप्ति के लिए एक प्रक्रिया तैयार की गई है। यह सुनिश्चित करने के लिए है कि खाता खोलने के लिए आवश्यक सभी दस्तावेज उपलब्ध हों, और इसके परिणामस्वरूप खाता संख्या का आदान-प्रदान सुविधाजनक और सुगम हो।

E. -खाता खोलने के बाद के लाभ

उत्तरखाता खोलने के बाद के लाभ:

सुरक्षित निगरानी: बचत खाता उदारता की निगरानी में मदद करता है और व्यक्तिगत वित्त स्थिति को सुरक्षित रखता है।

बचत और निवेश का अवसर: खाता खोलने से विभिन्न बचत और निवेश विकल्पों का लाभ होता है, जो आर्थिक विकास की दिशा में मदद करता है।

ऋण उपलब्धता: बचत खाता धारकों को ऋण लेने का अधिकार प्रदान कर सकता है, जो आवश्यकता पड़ने पर उपयोगी हो सकता है।

नोट: यह एक संक्षिप्त रूप में खाता खोलने के बाद के लाभ को विस्तारित नहीं करता, बल्कि यह कुछ महत्वपूर्ण विवरणों को शामिल करता है।