टिप्पणी :
(i) सभी प्रश्नो के उत्तर देने अनिवार्य है। प्रत्येक प्रश्न के अंक उसके सामने दिए गए हैं।
(ii) उत्तर पुस्तिका के प्रथम पृष्ठ पर ऊपर की ओर अपना नाम, अनुकमांक, अध्यन केन्द्र का नाम और विषय स्पष्ट शब्दो में लिखिए।
1. निम्नलिखित
में
से
किसी
एक
प्रश्न
का
उत्तर
लगभग
40-60 शब्दों
में
दीजिए
।
(a) अपने
आस–पास
के
किन्हीं
दो
प्राकृतिक
रेशों
की
पहचान
कीजिए।
प्राकृतिक
रेशों
से
बने
वस्त्रों
का
उपयोग
करने
की
सलाह
क्यों
दी
जाती
है?
उत्तर– आप अपने आस–पास
कई प्राकृतिक रेशों की पहचान कर
सकते हैं जैसे कि
बांस, कॉटन, लिनन, जूट, वूल, सिल्क
आदि।
1 प्राकृतिक रेशों
से बने वस्त्रों का
उपयोग करने की सलाह
इसलिए दी जाती है
क्योंकि ये रेशे प्राकृतिक
तत्वों से बने होते
हैं जो हमारे त्वचा
के लिए अधिक शुद्ध
और स्वस्थ होते हैं। ये
वस्त्र त्वचा को स्वतंत्रता देते
हैं साथ ही उसे
सुखद और आरामदायक बनाते
हैं।
2. प्राकृतिक रेशे उन्हें उचित
तापमान पर बनाए रखते
हैं, जिससे उन्हें गरमियों में ठंडक और
सर्दियों में गर्माहट का
आनंद लेने का अवसर
मिलता है। ये रेशे
पर्यावरण के लिए भी
अधिक उत्तम होते हैं क्योंकि
उनके उत्पादन में कार्बन पाया
जाता है, जो वायुमंडल
में प्रदूषण का कारण नहीं
बनता
(b) सादा बुनाई
और
ट्वील
बुनाई
के
बीच
किन्हीं
दो
अंतरों
को
सारणीबद्ध
रूप
में
लिखिए।
उत्तर-
सादा बुनाई और ट्वील बुनाई
दो प्रमुख बुनाई तकनीकें हैं, जो वस्त्रों
की निर्मिति में उपयोग होती
हैं। उनमें विभिन्न विशेषताएँ हैं जो उन्हें
अलग बनाती हैं।
प्रमुख
विशेषता |
सादा
बुनाई |
ट्वील
बुनाई |
बुनाई
का धागा |
एक
धागा का उपयोग होता
है |
दो
धागों का उपयोग होता
है |
बुनाई
की श्रेणी |
सामान्य
या आम बुनाई |
दो
धागों को आपस में
पार करने की तकनीक |
पारंपरिक
बुनाई |
हाथों
से या सामान्य बुनाई
नीडल से |
चारक्टरिस्टिक
बुनाई या ट्वील बुनाई
नीडल |
फैब्रिक
धराना |
एक
संतुलित धराना रहता है |
बुनाई
के लिए अधिक समय लगता है |
वस्त्र
का उपयोग |
सामान्य
उपयोग के लिए |
थोड़ी
भारी या मजबूत वस्त्रों
के लिए |
उदाहरण |
टी–शर्ट, सलवार कमीज़, साड़ी आदि |
जींस,
कोट, शर्ट, जैकेट आदि |
2. निम्नलिखित
में
से
किसी
एक
प्रश्न
का
उत्तर
लगभग
40-60 शब्दों
में
दीजिए।
(a) शीना
का
पैर
गलती
से
सॉकेट
के
नंगे
तार
पर
पड़
गया
और
उसे
बिजली
का
झटका
लगा।
घर
में
बिजली
के
सुरक्षित
उपयोग
के
लिए
किन्हीं
दो
उपयुक्त
तरीकों
का
उल्लेख
कीजिए।
उत्तर-
यह सुरक्षित बिजली उपयोग के अद्वितीय उपाय
हैं, जो बिजली के
उपयोग को सुरक्षित और
संरक्षित बनाते हैं।
1. ईएलसीबी और ईसीबी स्विच्स:
घर के सभी बिजली
बिंदुओं पर ईलेक्ट्रिक स्विच्स
का उपयोग करें और बिजली
को बंद करने और
चालने के लिए इन
स्विच्स का उपयोग करें।
इससे बिजली को जब आवश्यक
हो, आसानी से बंद किया
जा सकता है.
2. ग्राउंडिंग और
इर्डिंग: घर की बिजली
सिस्टम को ठीक से
ग्राउंड करें, जिससे बिजली की व्यापकता कम
हो और यदि किसी
तरह की बिजली की
लीकेज हो, तो वह
बिना किसी की स्वास्थ्य
को खतरे में न
डाले।
(b) अपने परिवेश
को
ध्यान
से
देखिए
और
बच्चों
तथा
वयस्कों
में
दम
घुटने
के
किन्हीं
चार
कारणों
की
पहचान
कीजिए
।
उत्तर– 1. ध्वनि
प्रदूषण: यदि आपके परिवेश
में ज्यादा शोर और ध्वनि
है, तो यह बच्चों
और वयस्कों में दम घुटने
के एक कारण हो
सकता है।
2. प्रदूषित वायु:
वायुमंडल में उच्च प्रदूषण
स्तर भी दम घुटने
के कारणों में शामिल हो
सकता है, खासकर बच्चों
के लिए।
3. धूम्रपान: धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों
और उनके आसपास के
लोगों में दम घुटने
का खतरा बढ़ता है।
4. आलर्जी या श्वास रोग:
किसी व्यक्ति को किसी खास
वस्तु या पर्यावरण के
खिलौने से आलर्जी होने
की संकेत हो सकती है,
जो दम घुटने का
कारण बन सकती है।
यह विभिन्न कारण हैं जो
बच्चों और वयस्कों में
दम घुटने के हो सकते
हैं। यदि किसी को
इस समस्या का संकेत है,
तो उन्हें चिकित्सक से संपर्क करना
चाहिए।
3. निम्नलिखित
में
से
किसी
एक
प्रश्न
का
उत्तर
लगभग
40-60 शब्दों
में
दीजिए
।
(a) बेबी
मृदुला
8 महीने
की
हो
गई
है।
उसकी
उम्र
के
बच्चों
की
वृद्धि
और
विकास
की
किन्हीं
दो
विशेषताओं
का
उल्लेख
कीजिए
।
उत्तर–
मोटर विकास: 8 महीने की उम्र में,
बच्चे का मोटर विकास
तेजी से होता है।
वह बैठने, खड़े होने और
चलने की कठिनाइयों को
पार करने के लिए
सिख रहा है।
1. भोजन की आदतें:
बेबी मृदुला की उम्र में
उसे सॉलिड फूड्स और उपहारों का
सेवन करना शुरू करने
की आदतें बढ़ रही हैं।
इस आयु में विभिन्न
पोषण स्रोतों को शामिल करना
महत्वपूर्ण है।
2. ये दो महत्वपूर्ण
विशेषताएँ हैं जो 8 महीने
की उम्र में बच्चे
के विकास में हो सकती
हैं। यह समय है
जब बच्चों के विभिन्न क्षेत्रों
में उनके योगदान को
समझाने का उपयुक्त समय
है।
(b) “विकास परस्पर
सहसंबंधी
है।”
कोई
दो
उपयुक्त
उदाहरण
देकर
इस
कथन
की
पुष्टि
कीजिए।
उत्तर– शिक्षा और रोजगार: अच्छी
शिक्षा प्राप्त करने से व्यक्ति
के रोजगार के अवसर बढ़ते
हैं. जब व्यक्ति अच्छी
शिक्षा प्राप्त करता है, तो
उसके पास अधिक रोजगार
के अवसर होते हैं,
जिससे उसकी आर्थिक स्थिति
में सुधार होता है.
स्वास्थ्य
और विकास: अच्छा स्वास्थ्य व्यक्ति के सामाजिक और
आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करता
है. यदि कोई व्यक्ति
स्वस्थ नहीं है, तो
उसका विकास भी प्रभावित हो
सकता है, क्योंकि स्वास्थ्य
हर पहलु में महत्वपूर्ण
भूमिका निभाता है.
उदाहरण स्पष्ट करते हैं कि
विकास और उसके सहसंबंधी
घटक एक–दूसरे के
साथ कैसे जुड़े होते
हैं और एक–दूसरे
को प्रभावित करते हैं।
4. निम्नलिखित
में
से
किसी
एक
प्रश्न
का
उत्तर
लगभग
100-150 शब्दों में दीजिए।
(a) शरीर और
मन
दोनों
का
समुचित
कार्य
स्वास्थ्य
है।
विश्व
स्वास्थ्य
संगठन
/ World Health Organisation (WHO) के अनुसार “स्वास्थ्य”
को
परिभाषित
कीजिए।
अच्छे
शारीरिक
स्वास्थ्य,
अच्छे
मानसिक
स्वास्थ्य
और
अच्छे
सामाजिक
स्वास्थ्य
की
दो
विशेषताओ
को
सूचीबद्ध
कीजिए
।
उत्तर– विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, स्वास्थ्य
को निम्नलिखित रूपों में परिभाषित किया
गया है:
“स्वास्थ्य
एक पूर्ण शारीरिक, मानसिक और सामाजिक भलाइयों
की स्थिति है और केवल
रोग या रोगी की
अजुबाजु अस्थिति या रोगी की
दृष्टि से मापन नहीं
की जा सकती।“
इसके
अर्थ, स्वास्थ्य न केवल शारीरिक
स्थिति का अच्छा होना
है, बल्कि व्यक्ति की मानसिक स्थिति
और सामाजिक भलाइयों में भी उनका
सम्पूर्ण भला–भावा होना
शामिल है।
विशेषतः:
1. अच्छे शारीरिक स्वास्थ्य: इसमें व्यक्ति के शारीरिक अवस्था,
उनकी ऊर्जा स्तर, रोगों से बचाव और
उनकी शारीरिक अच्छाई शामिल है।
2. अच्छे मानसिक स्वास्थ्य: यह व्यक्ति के
उच्च उत्साह, चिंता मुक्ति, भावनात्मक स्थिति और उनके मानसिक
भलाई की स्थिति को
शामिल करता है।
3. अच्छे सामाजिक स्वास्थ्य: यह व्यक्ति के
सामाजिक संबंध, समाजिक न्याय, समृद्धि और सामाजिक भलाई
की स्थिति को शामिल करता
है।
स्वास्थ्य”
शब्द का अर्थ न
केवल शारीरिक स्वास्थ्य है, बल्कि एक
व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक
और सामाजिक भलाइयों का समुचित अवस्था
है। यह एक व्यक्ति
के जीवन की गुणवत्ता
और संतुलन का मापदंड है।
एक स्वस्थ व्यक्ति सक्रिय और उत्साही जीवन
जीता है। वे अपने
दैनिक गतिविधियों में सक्रिय रहते
हैं और समाज में
योगदान करते हैं। अच्छा
शारीरिक स्वास्थ्य उनके शारीरिक शक्ति
और ऊर्जा को बढ़ाता है।
अच्छा मानसिक स्वास्थ्य उनके मानसिक भलाई
को बनाए रखता है
और उनकी चुनौतियों का
सामना करने में मदद
करता है। अच्छा सामाजिक
स्वास्थ्य व्यक्ति को समाज में
समाहित करता है और
उन्हें उनके समुचित स्थान
पर समर्थन प्रदान करता
(b) प्रतिरक्षा को
परिभाषित
कीजिए।
प्राकृतिक
प्रतिरक्षा
उपार्जित
प्रतिरक्षा
से
किस
प्रकार
भिन्न
है।
उन
दो
तरीकों
का
उल्लेख
करें
जिनके
द्वारा
हम
रोग
प्रतिरोधक
क्षमता
प्राप्त
कर
सकते
हैं।
उत्तर– प्रतिरक्षा एक प्राकृतिक रक्षणात्मक
प्रक्रिया है जिसमें शरीर
रोगों और अन्य खतरनाक
पथोजनों से लड़ने के
लिए विभिन्न माध्यमों का उपयोग करके
स्वास्थ्य को सुरक्षित रखता
है। प्रतिरक्षा शारीरिक प्रक्रिया है जिसमें रक्त,
लेशियों, और अन्य संरचनाओं
में रोग प्रतिरोधक तत्वों
का उत्पादन होता है, जो
शरीर को खतरनाक पथोजनों
के खिलाफ रक्षित करते हैं।
प्राकृतिक
प्रतिरक्षा उपार्जित प्रतिरक्षा से भिन्न है
क्योंकि प्राकृतिक प्रतिरक्षा जन्म से होती
है और उसे उपार्जित
नहीं किया जा सकता
है, जबकि उपार्जित प्रतिरक्षा
शरीर को वैक्सीनेशन और
अन्य तरीकों से खतरनाक पथोजनों
के खिलाफ प्रतिरक्षा क्षमता प्रदान करती है.
हम रोग प्रतिरोधक क्षमता
प्राप्त करने के दो
मुख्य तरीके हैं:
1. इम्यूनाइजेशन: इसमें वैक्सीनेशन, जिसमें हमारे शरीर को अकिट
रूप में मृत या
कमजोर पथोजनों का अभ्यास कराया
जाता है, ताकि हमारे
शरीर को वास्तविक पथोजनों
के खिलाफ प्रतिरक्षा मिल सके.
2. प्राकृतिक उपाय: स्वस्थ जीवनशैली, सही आहार, पर्यावरण
स्वच्छता, और पर्याप्त नींद
से रोग प्रतिरक्षा क्षमता
को बढ़ावा दिलाने में मदद करते
हैं।
इन तरीकों के माध्यम से
हम अपनी रोग प्रतिरोधक
क्षमता को मजबूत कर
सकते हैं और खतरनाक
पथोजनों से बच सकते
हैं।
5. निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न
का उत्तर लगभग 100-150 शब्दों में दीजिए। questions in about 100-150
(a) तरूण 12वीं कक्षा का विद्यार्थी है।
वह इंजीनियर के रूप में अपना करियर बनाना चाहता है। वह अपने संसाधनों का प्रभावी तरीके
से प्रयोग करके अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सके, इसके लिए प्रबंधन के चार चरणों की पहचान
करने में उसकी सहायता करें और उन्हें प्रस्तुत करें ।
उत्तर–
उत्तर– तरूण को
अपने लक्ष्य को प्राप्त करने
के लिए प्रबंधन के
चार चरणों की मदद से
अपने संसाधनों का प्रभावी तरीके
से प्रयोग करने की दिशा
में मदद कर सकते
हैं:
1. चयन चरण
(Selection Phase): इस
चरण में, तरूण को
अपने इंजीनियरिंग क्षेत्र की विशेषज्ञता का
चयन करने में मदद
की आवश्यकता है. वहके रुचि
और रुचि क्षेत्र को
ध्यान में रखते हुए
उनके लक्ष्यों के साथ मेल
खाने वाले अद्भुत कैरियर
विकल्पों का चयन करें.
2. योजना चरण
(Planning Phase): एक
योजना बनाएं जो तरूण को
उनके लक्ष्यों की प्राप्ति में
मदद करेगी. इसमें शिक्षा, योग्यता, और प्रशिक्षण के
साथ अध्ययन का समय ताय
करने की योजना शामिल
होनी चाहिए.
3. क्रियान्वयन चरण
(Implementation Phase): इस
चरण में, तरूण को
अपने योजने को काम में
लाने के लिए उनके
द्वारा चयन की गई
योजना को प्राथमिकता देनी
चाहिए. इसमें अध्ययन, प्रशिक्षण, और अन्य जरूरी
कदम शामिल हो सकते हैं.
4. मूल्यांकन चरण
(Evaluation Phase): समय–समय पर योजना
की मूल्यांकन करें और यदि
आवश्यक हो, उसे संशोधित
करें. नए लक्ष्य तय
करें और योजने को
अनुकूलित करने के लिए
आवश्यक बदलाव करें.
इन चरणों के माध्यम से,
तरूण अपने इंजीनियरिंग करियर
के लक्ष्यों की प्राप्ति में
सफल हो सकते हैं
और अपने संसाधनों का
सही तरीके से प्रयोग करके
अपने मक्सद को हासिल कर
सकते हैं।
( b)(i) संसाधन सीमित हैं। संसाधनों का
कुशलतापूर्वक उपयोग करने के लिए आप अपने समुदाय को कौन से चार दिशानिर्देश सुझाएंगे
?
उत्तर– संसाधनों को कौशलता से
उपयोग करने के लिए
आप अपने समुदाय को
निम्नलिखित चार दिशानिर्देशों का
पालन करने की सलाह
दे सकते हैं:
1. संयमित खर्च
करें
(Budgeting): संसाधनों
का सुझाव दें कि लोग
अपने वित्तीय संसाधनों का सुझाव दें
कि लोग अपने वित्तीय
संसाधनों का एक बजट
तैयार करें और खर्च
को संयमित रूप से करें
ताकि संसाधनों का उचित उपयोग
किया जा सके.
2. शिक्षा और
प्रशिक्षण (Education
and Training): लोगों को उनके पास
के संसाधनों का उचित जानकारी
हासिल करने और कौशल
विकसित करने के लिए
शिक्षा और प्रशिक्षण की
दिशा में मार्गदर्शन दें.
3. साझा करना
(Sharing): उनके बीच एक–दूसरे
के साथ संसाधनों का
सहयोग करने के लिए
जनता को प्रोत्साहित करें.
संसाधनों का साझा करना
एक समुदाय के सदस्यों के
बीच सामाजिक और आर्थिक मदद
कर सकता है.
4. प्राकृतिक संसाधनों
का सुझाव (Natural Resource
Management): उनके पास के प्राकृतिक
संसाधनों के सहयोग से
उनके समुदाय को अपने प्राकृतिक
संसाधनों का सही तरीके
से प्रबंधन करने के तरीकों
के बारे में सुझाव
दें, ताकि वे उनके
वातावरण को सुरक्षित और
आर्थिक रूप से उपयोग
कर सकें।
ये दिशानिर्देश संसाधनों का सही तरीके
से उपयोग करने में मदद
कर सकते हैं और
समुदाय के सदस्यों को
साझा करने और संसाधनों
को प्रबंधित करने के तरीकों
का सहयोग कर सकते हैं।
(ii) अपने समुदाय में किन्हीं दो संसाधनों
के दुरूपयोग पर चर्चा कीजिए और इसे रोकने के उपाय सुझाइए।
उत्तर– 1. जल संकट
(Water Misuse): कई
समुदायों में जल संकट
की समस्या हो सकती है,
जैसे कि पूर्वानुमानित से
अधिक पुन: प्रयोजन, बिना
संजल को सुधारे हुए
जलवायु नियमों का अवउपयोग आदि।
इस समस्या को रोकने के
उपाय में सजीव जल
संसाधन का ध्यान रखना,
जल बचत की अभियानों
का समर्थन करना, और जल संचयन
के तरीकों को सुझाना जा
सकता है.
2. वनस्पति और वनस्पति संसाधनों
का अवउपयोग कुछ समुदाय अपने
प्राकृतिक पर्यावरण के तत्वों का
दुरूपयोग करते हैं, जैसे
जंगलों का अवउपयोग, जीवन्त
वनस्पतियों की कटाई, और
अवैध वनस्पतियों का विविधता क्षतिग्रस्त
करना। इस समस्या को
रोकने के उपाय में
प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की
महत्वपूर्णता को समझाना, प्राकृतिक
वनस्पतियों के संरक्षण के
उपायों का सामर्थ्य बढ़ाना,
और वन्यजीवों के संरक्षण के
लिए सजीव समुदायों की
सहायता करना शामिल हो
सकता है.
ये उपाय समुदाय के
सदस्यों को संसाधनों का
सही तरीके से उपयोग करने
की महत्वपूर्णता समझाने और समस्याओं को
समाधान करने में मदद
कर सकते हैं।
6. नीचे
दी
गई
परियोजनाओं
में
से
कोई
एक
परियोजना
तैयार
कीजिए।
(a) (i) करूणा
और
तरूणा
समरूप
जुड़वाँ
हैं
।
करूणा
को
उसकी
माँ
द्वारा
एक
गाँव
में
पाला
गया
है
और
तरूणा
को
उसके
पिता
द्वारा
शहरी
परिवेश
में
पाला
गया
है।
दोनों
के
विकास
में
किन्हीं
तीन
महत्वपूर्ण
पहलुओं
का
तालिकाबद्ध
रूप
से
विश्लेषण
कीजिए
।
उत्तर– परियोजना: करूणा और तरूणा के
विकास के तीन महत्वपूर्ण
पहलु
पहलु |
करूणा
का विकास |
तरूणा
का विकास |
शिक्षा |
गाँवी
परिवेश, स्थानीय स्कूलों की |
शहरी
परिवेश, अच्छे स्कूलों की |
समीक्षा
करना और उन्हें उच्चतम |
समीक्षा
करना और उन्हें उच्चतम |
|
शिक्षा
की सुविधा प्रदान करने का |
शिक्षा
की सुविधा प्रदान करने का |
|
कार्य
करना। |
कार्य
करना। |
|
स्वास्थ्य |
स्थानीय
चिकित्सा सेवाओं का उपयोग |
शहरी
क्षेत्र में उच्चतम गुणवत्ता |
करना
और नियमित रूप से जाँच–परछाई |
की
चिकित्सा सेवाओं का उपयोग करना |
|
करना। |
और
नियमित रूप से जाँच–परछाई
करना |
|
व्यक्तिगत विकास |
गाँव
के सामाजिक संरचना में |
शहरी
परिवेश में विभिन्न |
और सामाजिक
समृद्धि |
सहभागिता
और विकास में सहायक |
कार्यक्रमों
और संगठनों के साथ |
रहना,
जैसे समुदायिक कार्यक्रम और |
सहभागिता
और विकास में सहायक |
|
उपयोगी
संगठन। |
रहना,
जैसे समुदायिक कार्यक्रम |
|
और
उपयोगी संगठन। |
यह तालिका दिखाता है कि करूणा
और तरूणा के विकास में
उनके परिवेश के अनुसार विभिन्न
महत्वपूर्ण पहलुएं हैं। उन्होंने अपने
विकास के लिए उपयुक्त
उपायों का चयन किया
है।
(ii) आपकी
राय
में
बच्चों
के
व्यक्तित्व
और
व्यक्तिगत
अंतरों
को
निर्धारित
करने
के
लिए
क्या
महत्वपूर्ण
है
और
क्यों?
उत्तर– बच्चों के व्यक्तित्व और
व्यक्तिगत अंतर उनके सफल
और खुशहाल जीवन के लिए
महत्वपूर्ण हैं। यह कुछ
कारगर कारण हैं:
स्वानुभव और
समझ:
व्यक्तित्व और व्यक्तिगत अंतर
बच्चों के स्वानुभवों और
विचारों को समझने में
मदद करते हैं। यह
उन्हें उनकी सीमाएं और
इच्छाएं समझने में मदद करता
है।
समाजिक और
व्यक्तिगत
संबंध:
यह उन्हें उनके समाजिक और
व्यक्तिगत संबंधों को समझने में
मदद करता है और
सही दिशा में मार्गदर्शन
करता है।
शिक्षा
और पेशेवर विकल्प: व्यक्तित्व और व्यक्तिगत अंतर
उनके शिक्षा और करियर के
चयन में मदद करते
हैं।
स्वस्थ मानसिक
स्थिति:
सही रूप से समझे
गए व्यक्तित्व और व्यक्तिगत अंतर
बच्चों की मानसिक स्थिति
को स्थिर और स्वस्थ रखने
में मदद करते हैं।
समान समर्थन
और
सम्मान:
यह उनके विचारों और
भावनाओं का सम्मान करने
में मदद करता है,
जिससे उन्हें आत्मविश्वास और स्वावलंबन मिलता
है।
सकारात्मक विकास:
यदि व्यक्तित्व और व्यक्तिगत अंतर
सही दिशा में विकसित
हो रहे हैं, तो
बच्चे सकारात्मक रूप से विकसित
हो सकते हैं और
अपने लक्ष्यों को हासिल कर
सकते हैं।
इसलिए,
व्यक्तित्व और व्यक्तिगत अंतर
निर्धारित करना बच्चों के
उद्देश्यों और जीवन की
दिशा को समझने में
मदद करता है और
उन्हें सफलता की दिशा में
मार्गदर्शन करता है।
(b) हमें स्वस्थ
रखने
में
प्रत्येक
पोषक
तत्व
की
विशेष
भूमिका
होती
है।
यदि
हम
पोषक
तत्वों
की
कमी
वाला
भोजन
करना
शुरू
कर
देंगे
तो
रोग
के
लक्षण
प्रकट
होने
लगेंगे।
(i) निम्नलिखित
पोषक
तत्वों
के
कोई
भी
दो
कार्य
लिखिए
जो
जीवन
को
बनाए
रखने
के
लिए
महत्वपूर्ण
हैं!
ऐसे
आहार
फाइबर,
पानी,
विटामिन
ए
उत्तर– आहार
– फाइबर:
उपयोग – पोषक तत्व फाइबर,
अधिकतम अंश में सब्जियों,
फलों, दालों और अनाजों में
पाया जाता है।
महत्व – फाइबर आहार के सेवन
से पाचन सिस्टम में
सुधार होता है, कब्ज
और आंतिक्रियाओं को कम करने
में मदद करता है।
यह वजन नियंत्रित करने
में भी मदद करता
है और दिल की
स्वस्थता को बनाए रखने
में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
आहार – पानी:
उपयोग – शुद्ध पानी, फलों, सब्जियों, रस, शोरबे आदि
के रूप में पाया
जाता है।
महत्व – पानी शरीर के
उपयोग के लिए आवश्यक
है और जीवन की
सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है। यह विभिन्न
शारीरिक प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक
है, जैसे खाद्य पाचन,
ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए।
ये दोनों पोषक तत्व जीवन
के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण
हैं और उनके सही
सेवन से सेहत और
ऊर्जा का संतुलन बना
रहता है।
(ii) भोजन
समूहों
और
संतुलित
आहार
को
शामिल
करने
के
संदर्भ
में
अपने
लिए
एक
आहार
योजना
तालिका
के
रूप
में
बनाएं।
उत्तर– यहां एक आहार
योजना तालिका दिया जा रहा
है जिसमें विभिन्न भोजन समूहों और
संतुलित आहार शामिल हैं:
भोजन समय |
भोजन आइटम |
पोषणीय योग्यता |
सुबह |
ओट्स,
दूध, फल |
अनाज,
दुध, फल |
दोपहर |
दाल,
चावल, सब्जी |
दाल,
शक्ति, फाइबर |
शाम |
रोटी,
दाल, सब्जी |
प्रोटीन,
शक्ति |
दोपहर
की नाश्ता |
फल,
नट्स |
विटामिन,
प्रोटीन |
रात
का भोजन |
चावल,
दाल, सब्जी |
कार्बोहाइड्रेट,
प्रोटीन |
रात्रि
का नाश्ता |
दूध,
खजूर |
प्रोटीन,
फाइबर |
यह आहार योजना विभिन्न
भोजन समूहों से पोषण प्राप्ति
को सुनिश्चित करती है और
संतुलित आहार के लिए
उपयुक्त है। यदि कोई
विशेष आहारी आवश्यकताएँ हैं, तो उन्हें
इस योजना में शामिल किया
जा सकता है।